प्रणब मुखर्जी, भूपेन हजारिका और नानाजी देशमुख को राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद द्वारा भारत रत्न पुरुस्कार से सम्मानित किया गया
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भारत रत्न पुरुस्कार |
वर्ष 2019 के भारत रत्न पुरुस्कार आज (8 अगस्त 2019) को भारत के वर्तमान राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद द्वारा प्रदान किये गए। भारत के वर्तमान राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद द्वारा भारत के पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी, भूपेन हजारिका और नानाजी देशमुख को देश के सर्वोच्च नागरिक सम्मान 'भारत रत्न' से सम्मानित किया गया।
राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के द्वारा राष्ट्रपति भवन में आयोजित एक समारोह में यह पुरुस्कार प्रणब मुखर्जी ने स्वंय प्राप्त किया जबकि भूपेन हजारिका और नानाजी देशमुख को ये पुरुस्कार उनके मरणोपरांत प्रदान किया गया।
प्रणब मुखर्जी
प्रणब मुखर्जी का जन्म पश्चिम बंगाल में 11 दिसंबर 1935 को हुआ था। इन्होने भारत के 13 वे राष्ट्रपति के रूप में 25 जुलाई 2012 से 25 जुलाई 2017 तक कार्य किया। इन्होने अपने जीवनकाल में अनेको प्रतिष्ठित पदों पर कार्य किया। वर्ष 2012 में भारत के राष्ट्रपति के रूप में चुनाव से पहले उन्होंने 24 जनवरी 2009 से 24 जुलाई 2012 तक भारत के केंद्रीय वित्त मंत्री के रूप में कार्य किया था।
भूपेन हजारिका
इनका जन्म वर्ष 1926 में 8 सितम्बर को असम के सादिया में हुआ था। भूपेन हजारिका एक प्रसिद्ध असमिया गायक थे। इन्हे भारत रत्न इनके मरणोपरांत दिया गया है। इनका निधन 5 नवंबर 2011 को कोकिलाबेन धीरूभाई अंबानी अस्पताल और चिकित्सा अनुसंधान संस्थान, मुंबई में हुआ था। उनका यह पुरुस्कार उनके बेटे 'तेज़' द्वारा प्राप्त किया गया है।
नानाजी देशमुख
भारतीय जनसंघ के दिवंगत नेता चण्डिकादास अमृतराव देशमुख को नानाजी देशमुख के नाम से भी जाना जाता है। यह एक सामाजिक कार्यकर्ता थे। इनका जन्म 11 अक्टूबर 1916 को हुआ था और उनका निधन 27 फरवरी 2010 को हो गया था। वे भारतीय जनसंघ के एक नेता भी थे। वे राज्यसभा के सदस्य भी रहे। इन्होने शिक्षा, स्वास्थ्य और गांवो की आत्मनिर्भरता के लिए बहुत से कार्य किये। वर्ष 1999 में उन्हें पदम् विभूषण से सम्मानित भी किया गया था। इन्हे भी उनके मरणोपरांत भारत रत्न से सम्मानित किया गया है उनका यह पुरुस्कार उनके करीबी रिश्तेदार विरेंद्रजीत सिंह को प्रदान किया गया।
भारत रत्न
इस पुरुस्कार को कला, साहित्य, विज्ञान तथा बड़े पैमाने पर जनसेवा में उत्तम कार्य करने के लिए बिना किसी जाति, व्यवसाय, स्थिति और लिंग के भेद के प्रदान किया जाता है। यह भारत देश का सर्वोच्च नागरिक सम्मान पुरुस्कार है। इसकी शुरुआत 2 जनवरी 1954 को की गयी थी। इसके मेडल में पीपल के पत्ते के आकार पर सूर्य का चित्र अंकित रहता है।
नोट - मरणोपरांत सर्वप्रथम लाल बहादुर शास्त्री को भारत रत्न से सम्मानित किया गया था।
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