Latest

6/recent/ticker-posts

भारत के राष्ट्रध्वज तिरंगे का इतिहास एवं सामान्य जानकारी

भारत के राष्ट्रध्वज तिरंगे के विषय में सामान्य जानकारी (Indian National Flag) इस लेख में दी जा रही है। इसमें तिरंगे से सम्बंधित मुख्य जानकारी जैसे - लम्बाई व चौड़ाई का अनुपात एवं तिरंगे के इतिहास के विषय में बताया जा रहा है।
भारत का राष्ट्रीय ध्वज 'तिरंगा'  
प्रश्न - भारत के राष्ट्रीय ध्वज 'तिरंगे' के प्रारूप की अभिकल्पना किसने की थी ?
A. रविंद्रनाथ टैगोर 
B. जवाहर लाल नेहरू  
C. महात्मा गाँधी जी  
D. पिंगली वैंकैया

उत्तर- D. पिंगली वैंकैया
भारत के राष्ट्रीय ध्वज जिसे तिरंगा भी कहते हैं, तीन रंग की क्षैतिज पट्टियों के बीच नीले रंग के एक चक्र द्वारा सुशोभित ध्वज है। इसकी अभिकल्पना पिंगली वैंकैया ने की थी। इसे 15 अगस्त 1947 को अंग्रेजों से भारत की स्वतंत्रता के कुछ ही दिन पूर्व 22 जुलाई, 1947 को आयोजित भारतीय संविधान-सभा की बैठक में अपनाया गया था।
प्रश्न - भारत के राष्ट्रध्वज की लम्बाई और चौड़ाई का अनुपात कितना होता है ?  
A. 2:3 
B. 3:2 
C. 4:5 
D. 5:4 

उत्तर- B. 3:2 
राष्ट्रीय ध्वज तिरंगे में समान अनुपात में तीन क्षैतिज पट्टियां हैं। केसरिया रंग सबसे ऊपर, सफेद रंग बीच में और हरा रंग सबसे नीचे की ओर होता है। ध्वज की लंबाई-चौड़ाई का अनुपात 3:2 है। सफेद पट्टी के बीच में नीले रंग का चक्र है।

प्रश्न - भारत के राष्ट्रध्वज, तिरंगे में केसरिया रंग किसका प्रतीक होता है ?
A. प्रगति 
B. साहस  
C. उन्नति 
D. उपरोक्त सभी 

उत्तर- B. साहस
शीर्ष में केसरिया रंग देश की ताकत और साहस को दर्शाता है।

प्रश्न - भारत के राष्ट्रध्वज, तिरंगे में सफ़ेद रंग किसका प्रतीक होता है ?
A. प्रगति 
B. साहस एवं वीरता 
C. उन्नति एवं विकास 
D. शांति और सत्य 

उत्तर- D. शांति और सत्य 

प्रश्न - भारत के राष्ट्रध्वज, तिरंगे में हरा रंग किसका प्रतीक होता है ?
A. प्रगति 
B. साहस एवं वीरता 
C. उर्वरता एवं विकास 
D. शांति और सत्य 

उत्तर- C. उर्वरता एवं विकास  
हरा रंग उर्वरता, वृद्धि और भूमि की पवित्रता को दर्शाता है। 

प्रश्न - तिरंगे में सफ़ेद पट्टी के मध्य में बने चक्र में कितनी तिल्लिया होती है ? 
A. 24 तिल्लिया 
B. 26 तिल्लिया 
C. 28 तिल्लिया 
D. 21 तिल्लिया 

उत्तर- A. 24 तिल्लिया 

प्रश्न - तिरंगे में बने धर्म चक्र का रंग होता है ? 
A. पीला  
B. सफ़ेद  
C. नीला  
D. काला  

उत्तर- C. नीला  
भारत के राष्ट्रीय ध्वज 'तिरंगे' में सफ़ेद पट्टी पर बने चक्र को धर्म चक्र कहते हैं। इस धर्म चक्र को विधि का चक्र भी कहते हैं। जो तृतीय शताब्दी ईसा पूर्व मौर्य सम्राट अशोक द्वारा बनाए गए सारनाथ के स्तम्भ से से लिया गया है। इस चक्र में 24 आरे या तीलियों का अर्थ है कि दिन - रात्रि के 24 घंटे जीवन गति‍शील है और रुकने का अर्थ मृत्यु है।

प्रश्न - भारत की संविधान सभा ने राष्ट्रीय ध्वज के प्रारूप को कब अपनाया था ? 
A. 22 जुलाई 1947
B. 23 जुलाई 1947  
C. 24 जुलाई 1947  
D. 26 जुलाई 1947  

उत्तर- A. 22 जुलाई 1947
भारत की संविधान सभा ने राष्ट्रीय ध्वज का प्रारूप 22 जुलाई 1947 को अपनाया।

प्रश्न - भारत में तिरंगे का क्या अर्थ है ?
A. तीन रंगा    
B. तीन रंगो से बना हुआ रंग   
C. भारतीय राष्ट्रीय ध्वज  
D. इनमे से कोई नहीं  

उत्तर- C. भारतीय राष्ट्रीय ध्वज

प्रश्न - तिरंगे में स्थित धर्म चक्र को कहाँ से लिया गया है ?
A. अजंता की गुफाओ से   
B. एलोरा पर्वत श्रेणियों से  
C. सारनाथ के अशोक स्तम्भ से  
D. ये सभी  

उत्तर- C. सारनाथ के अशोक स्तम्भ से
धर्म चक्र को सारनाथ में अशोक के सिंह स्तंभ पर बने चक्र से लिया गया है। इसका व्यास सफेद पट्टी की चौड़ाई के लगभग बराबर है और इसमें 24 तीलियां हैं। यह नीले रंग का होता है।  

भारतीय राष्ट्रीय ध्वज तिरंगे का विकास 

(1) प्रथम राष्ट्रीय ध्वज 7 अगस्‍त 1906 को पारसी बागान चौक (ग्रीन पार्क) कलकत्ता में फहराया गया था जिसे अब कोलकाता कहते हैं। इस ध्‍वज को लाल, पीले और हरे रंग की क्षैतिज पट्टियों से बनाया गया था।
1906 में भारत का गैर-अधिकारिक ध्वज 

(2) दूसरे राष्ट्रीय ध्‍वज को पेरिस में मैडम कामा और 1907 में उनके साथ निर्वासित किए गए कुछ क्रांतिकारियों द्वारा फहराया गया था (कुछ के अनुसार 1905 में)। यह भी पहले ध्‍वज के समान था सिवाय इसके कि इसमें सबसे ऊपरी की पट्टी पर केवल एक कमल था किंतु इसमें ऊपर की पट्टी पर सात तारे सप्‍तऋषि को दर्शाते हैं। यह ध्‍वज बर्लिन में हुए समाजवादी सम्‍मेलन में भी प्रदर्शित किया गया था।
1907 में भीका‍जीकामा द्वारा फहराया गया बर्लिन समिति का ध्वज 

(3) तीसरा राष्ट्रीय ध्‍वज 1917 ई. में आया जब हमारे राजनैतिक संघर्ष ने एक निश्चित मोड लिया। डॉ. एनी बेसेंट और लोकमान्‍य तिलक ने घरेलू शासन आंदोलन के दौरान इसे फहराया । इस ध्‍वज में 5 लाल और 4 हरी क्षैतिज पट्टियां एक के बाद एक और सप्‍तऋषि के अभिविन्‍यास में इस पर बने सात सितारे थे। बांयी और ऊपरी किनारे पर (खंभे की ओर) यूनियन जैक था। एक कोने में सफेद अर्धचंद्र और सितारा भी था।
Third Indian National Flag
1917 में घरेलू शासन आंदोलन के समय अपनाया गया 
(4) अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के सत्र के दौरान जो 1921 में बेजवाड़ा (अब विजयवाड़ा) में किया गया यहां आंध्र प्रदेश के एक युवक, पिंगली वैंकैया ने एक झंडा बनाया और गांधी जी को दिया। यह दो रंगों का बना था। लाल और हरा रंग जो दो प्रमुख समुदायों अर्थात हिन्‍दू और मुस्लिम का प्रतिनिधित्‍व करता है। गांधी जी ने सुझाव दिया कि भारत के शेष समुदाय का प्रतिनिधित्‍व करने के लिए इसमें एक सफेद पट्टी और राष्‍ट्र की प्रगति का संकेत देने के लिए एक चलता हुआ चरखा होना चाहिए।
fourth indian national flag 1921
इस ध्वज को 1921 में गैर आधिकारिक रूप से अपनाया गया 
(5) वर्ष 1931 ईस्वी ध्‍वज के इतिहास में एक यादगार वर्ष है। तिरंगे ध्‍वज को हमारे राष्‍ट्रीय ध्‍वज के रूप में अपनाने के लिए एक प्रस्‍ताव पारित किया गया । यह ध्‍वज जो वर्तमान स्‍वरूप का पूर्वज है, केसरिया, सफेद और मध्‍य में गांधी जी के चलते हुए चरखे के साथ था। तथापि यह स्‍पष्‍ट रूप से बताया गया इसका कोई साम्‍प्रदायिक महत्‍व नहीं था और इसकी व्‍याख्‍या इस प्रकार की जानी थी। 
1931 में इस ध्वज को अपनाया गया। यह भारतीय सेना का संग्राम चिन्ह भी था। 
(6) 22 जुलाई 1947 को संविधान सभा ने इसे मुक्‍त भारतीय राष्‍ट्रीय ध्‍वज के रूप में अपनाया। स्‍वतंत्रता मिलने के बाद इसके रंग और इसके रूप का महत्‍व बना रहा। केवल ध्‍वज में चलते हुए चरखे के स्‍थान पर सम्राट अशोक के धर्म चक्र को दिखाया गया। इस प्रकार तिरंगा ध्‍वज अंतत: स्‍वतंत्र भारत का राष्ट्रीय ध्‍वज बन गया । 
भारतीय राष्‍ट्रीय ध्‍वज, तिरंगा
भारत का राष्ट्रीय ध्वज 'तिरंगा' 

अशोक चक्र 


भारत के राष्ट्रीय ध्वज 'तिरंगे' में सफ़ेद पट्टी पर बने चक्र को धर्म चक्र कहते हैं। इस धर्म चक्र को विधि का चक्र भी कहते हैं। जो तृतीय शताब्दी ईसा पूर्व मौर्य सम्राट अशोक द्वारा बनाए गए सारनाथ के स्तम्भ से से लिया गया है। इस चक्र में 24 आरे या तीलियों का अर्थ है कि दिन - रात्रि के 24 घंटे जीवन गति‍शील है और रुकने का अर्थ मृत्यु है।

शेयर करे इस पोस्ट को सभी शेयर लिंक्स नीचे दिए गए है। 
पोस्ट में किसी भी प्रकार की गलती मिलने पर हमे कमेंट अवश्य करे ताकि समय रहते हम गलती को सुधार सके। धन्यवाद

Post a Comment

0 Comments